लड़का हो या लड़की,
बच्चा हो या बूढ़ा सभी को पानी पुरी पसंद होती है. इसका नाम सुनते ही लोगों के मुंह
में पानी आ जाता है. इसका स्वाद एक है लेकिन इसके नाम अनेक हैं. लोग इसे चटकारे
लेकर बिना रुके ही खाते जाते हैं. इस देखते ही जी ललचाने लगता है और पानी पुरी के
शौकीन लोगों से रहा नहीं जाता है.
कुछ लोग तो इस पानी पुरी को देखते ही आपे से
बाहर हो जाते हैं. जब तक इन लोगों को इसका स्वाद जुबान में नहीं लगता. तब तक उनकी
प्यास और भूख नहीं मिटती है. लेकिन क्या कभी इसे खाते वक्त आपने ये नहीं सोचा कि
पहली बार पानी पुरी कहां बनी और इसका नाम क्या था.
इस महान पानी
पुरी की शुरुआत मगध क्षेत्र से हुई थी, जिसे आज दक्षिणी बिहार के नाम से जाना जाता
है. यहीं पर पहली बार यह बनाई गई थी. मूलतः इसका नाम फुल्की है. लेकिन अब यह देश
के साथ विदेशों तक पहुंच गई.
देश के राज्यों
में इसे अलग-अलग नामों से पहचाना जाता है. इसके कई नाम हैं. यह कहीं पर पानी पताशे
के नाम से यह फेमस है तो कहीं इसे पतासी कहा जाता है, तो कहीं पर बताशी. वहीं कुछ जगहों पर इसे गुपचुप, गोलगप्पे, फुल्की और पकौड़ी भी कहा जाता है. यह एक ऐसा स्ट्रीट फूड है
जिसका स्वाद तो एक है, लेकिन नाम अनेक
हैं.
इसे सिर्फ स्वाद
और जायके लिए नहीं खाया जाता है. इसके कई फायदे भी हैं.
यह चटपटी और मीठी होने के साथ है. इसे खाने से मुंह छालों में
काफी राहत मिलती है.
अगर पानी को हींग
के साथ तैयार किया जाए तो यह एसिडिटी को भी खत्म कर देता है.
पानी पुरी
मार्गरीटा, चॉकलेट पानी पुरी और
पानी-पुरी शॉट्स भी काफी पॉपुलर हो रहे हैं. यहां तक की अब तो पानीपुरी आइसक्रीम
मार्केट में आ चुकी है.
पानी पुरी को आप
हाई कैलोरी फूड की कैटेगरी में रख सकते हैं. एक प्लेट में 4-6 पीस होते हैं, जिसमें लगभग 100 कैलोरी होती है.
फायदे के साथ
इसके नुकसान भी हैं. इसे हद से ज्यादा खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं है.
वजन कम करने वाले
इसे न खाएं तो ही बेहतर है. क्योंकि यह ऐसा जंक फूड है जो वजन बढ़ा सकता है.
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