वो
जमाने चले गए जब हम रिजल्ट देखने के लिए साइबर कैफे पर अपनी बारी का घंटों इंतजार
करते थे. आज के दौर
में हर किसी के हाथ में इंटरनेट है और वह पलभर में रिजल्ट की
सोशल साइट पर जाकर रिजल्ट देख सकता है. आज हर उम्र के लोगों में सोशल साइट्स का
क्रेज है. अपनी जरूरत की चीजों के साथ पहचान बनाने का भी कारगर माध्यम है, ये
सोशल साइट्स.
सोशल नेटवर्किंग साइट लोगों से जुड़ने, अपने
विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अनोखा स्टेज हैं, जहां आसानी से
पहचान बना सकते है. सोशल नेटवर्किंग साइट के बिना वेब जगत की कल्पना ही नहीं की जा
सकती.
फेसबुक, ट्विटर, लिंक्ड
इन जैसी ना जाने कितनी साइट होंगी, जो आम लोगों में भी अपनी पकड़ मजबूत
बनाए हुए है, ये सिर्फ कारपोरेट, राजनीति या किसी
बड़े माध्यम तक सीमित नहीं है.
सोशल साइट्स भगवान के प्रसाद की तरह है,
जो
सबके लिए अवलेबल है. ये किसी के साथ भेदभाव नहीं करती, छोटा, बड़ा,
अमीर,
गरीब
सबके साथ एक जैसी ही है.
सोशल साइट्स के नुकसान
फायदे तो हो गए अब बात करते हैं नुकसान की. यह
बहुत सारी इंफॉरमेशन देता है, जिनमें से कुछ अच्छी तो कुछ फेक होती
हैं. साथ ही साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है.
इंफॉरमेशन को अपने तरीके से लोग शेयर करते है.
जैसे कि कई तस्वीरे और वीडियो जो कहीं और के किसी और के होते हैं. उन्हें अन्य
लोगों से जोड़कर पेश किया जाता है. कई बार
तो इन बातों का रियलिटी से कोई मतलब नहीं होता.
कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का
पता नहीं चलता और किसी का भी कंटेट चेप कर शंहशाह बन जाते हैं.
प्राइवेसी नहीं होती. फोटो या वीडियो की
एडिटिंग करके भ्रम फैलाया जाता है, जिनके कारण दंगे जैसी स्थिति भी हो
सकती है.
सोशल साइट्स की 2020 तक
पहुंच
यह बहुत तेजी से लोगों के बीच अपनी पैठ बना रहा
है. पैदा होने वाले बच्चों से लेकर 70 साल के लोग भी इस मीडियम से जुड़े हुए
हैं. यह जानकारी को एक ही जगह इकट्ठा करता
है. बहुत ही आसानी से सभी न्यूज लोगों तक पहुंचाता है, जिसकी वजह से
लोग इससे जुड़ते जा रहे हैं.
2020 तक जो लोग सोशल साइट्स से नहीं जुड़े हैं वो भी
जुड़ जाएंगे. खूबसूरत सी प्रोफाइस पिक के साथ इनसे जुड़ जाएंगे. सोशल साइट्स की
पहुंच गांव के लोगों में भी है. 2020 तक जो इसे नहीं जानते वो भी इससे
जुड़ने की कोशिश में रहेंगे. क्योंकि यह हर भाषा में हैं तो लोग इससे बिना किसी
रूकावट के जुड़ रहे हैं.