वो
कहते हैं ना इतिहास अपने आप को दोहराता है. या बाप की आदतें बच्चे में होती हैं.
इसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में सबने देखा होगा और इस पर काफी बातें भी की
होंगी. हम बात कर रहे हैं बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय की, जिनका जूता
कांड पुराना जरूर है लेकिन बेटे आकाश विजयवर्गीय की वजह से एक बार फिर चर्चा में
है.
पिता
की तरह आकाश विजयवर्गीय भी इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. फिलहाल आकाश जेल
की हवा खा रहे हैं. बीते दिनों इंदौर में नगर निगम के कर्मचारियों की बल्ले से
पिटाई की, जिसका वीडियो और तस्वीरें काफी वायरल हो चुकी हैं.
इस
कांड के कुछ घंटे बाद ही विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया गया था.
कोर्ट ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है.
आकाश
की इस हरकत पर कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा ही अजीब बयान दिया, जिसकी किसी ने आलोचना
तो किसी ने समर्थन किया. कैलाश विजयवर्गीय कहा कि आकाश शांत स्वभाव के हैं. उन्हें
गुस्सा आया है, इसका
मतलब है कि किसी गरीब के साथ अन्याय हुआ है.
अब
बात करते हैं कैलाश विजयवर्गीय की. बात कुछ 24-25 साल पुरानी है जब कैलाश इंदौर
शहर के महापौर हुआ करते थे. साल 1994 में उन्होंने किसी बात पर गुस्सा आ गया और
कैलाश ने जूता उतार के हाथ में ले लिया और पुलिस अधिकारी (सीएसपी) प्रमोद फडनीकर
पर जूता तान दिया.
दरअसल,
पानी की समस्या को लेकर कैलाश विजयवर्गीय बस्तीवासियों के साथ निगमायुक्त निवास पर
प्रदर्शन करने पहुंचे थे. इस हरकत के बाद पुलिस उन्हें टांगाटोली कर थाने ले गई थी.
जूता
कांड के बात राजनीति के समंदर में ज्वार-भाटा आना तो लाजमी था. राजनीति काफी गरमा
गई थी. उस समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हुआ करते थे.