रमजान के पाक महीने में इरफान ने इस दुनिया से
अलविदा कह गए. ये मेरे लिए किसी तगड़े झटके से कम नहीं है. कभी सोचा न था कि इरफान
खान इस तरह साथ छोड़ जाएंगे. भले ही मैं उनसे कभी मिली नहीं लेकिन मुझे पता है वह
जितने बढ़िया एक्टर हैं उतने ही अच्छे इंसान भी. मैं उनके लिए था का इस्तेमाल नहीं
करेंगी क्योंकि वो हमारे बीच अपनी फिल्मों के जरिए जिंदा हैं.
बचपन से मैंने एक लिस्ट बनाई जिसमें उन लोगों के
नाम हैं जिनसे मैं अपनी जिंदगी में किसी भी कीमत में मिलना चाहती हूं. जिनमें
इरफान का नाम भी है.
इरफान की ऐसी कोई फिल्म नहीं होगी जो मैंने देखी
नहीं होगी. उनकी एक्टिंग और कॉमित टाइमिंग की मैं कायल इरफान की कोई भी फिल्म टीवी
पर आ रही हो उसे देखती जरूर हूं. भले ही वह फिल्म मैंने कई बार देख रखी हो. हर बार
उनकी फिल्म में कुछ नया ही देखने को मिलता है.
वैसे तो इरफान की हर फिल्म में शानदार एक्टिंग
होती है, लेकिन पान सिंह तोमर फिल्म देखने के बाद मैं तो इरफान की जबरा फैन बन गई.
ये मेरी इरफान के लिए फीलिंग है. उनके जाने का दुख हम सभी को है. मैं ईश्वर से
प्रार्थना करती हूं कि इरफान की फैमिली को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दें.