हम सभी अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देकर उन्हे अच्छा और सफल इंसान बनाना चाहते है।उन्हे हमेशा नेक इंसान बनाने की कोशिश में तत्पर रहतें है।
बच्चे बहुत आकर्षक और कोमल स्वभाव के होते है ,उनकी अलग ही दुनिया होती है। हम सदैव उनके आस पास ऐसा माहौल बनाये रखते है,जिससे वे कभी गलत और बुरी आदतें न सीखें ।इन सभी सावधानियों के बाद भी उनमें बुरी आदतें आ ही जाती है।
हम बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बिना थके प्रयास करते रहते है।बच्चे कुम्हार की कच्ची मिट्टी की तरह होतें है बचपन में जिस तरह ढाल लो उसी बरतन यानि व्यकितत्व का रूप ले लेता है।बचपन से उन्हे अच्छी बाते बतानी चाहिए ।
बच्चे कोमल ह्रदय के होते है अक्सर वे गलत सही मे भेद नही कर पातें है।बच्चे अपनी कल्पनाओं को ही वास्तविकता समझ लेते है।कभी कभी ये कल्पनाएं उनके अंदर बुरी आदतों को जन्म देती है।ये बुरी आदतें नयी हो तो इन्हें छुड़ाना आसान होता है।
बच्चों की इन आदतों से छुटकारा पाना कठिन है लेकिन समझदारी और सजगता से काम ले तो ये बुरी आदतें आसानी से छुड़ा सकते है।इन्हें धैर्य और शांति से इनका निवारण अति आवश्यक है।
अक्सर बच्चो में झूठ बोलना ,जिद्दी होना,गलत शब्द बोलना आदि आदतें सामान्य होती है। इन आदतों को शुरूआत में और समझदारी से हल करना आवश्यक है ,यही आदतें बड़े होने पर उसके गलत व्यक्तित्व का निर्माण करती है।
अपनी गलतियों को छुपाने के लिए झूठ का सहारा लेते है। अपनी ख्वाहिशों और माँगों को पूरा करने के लिए बच्चे हमेशा जिद् का दामन पकड़ते है और उन्हे पूरा करवा लेते है।
जब बच्चे किसी परिस्थिति से निपट नहीं पाते और हार मान लेते है तो वे चिड़चिड़ेपन मे गलत शब्दों को बोलते है।घबराहट मे नाखून कुतरना और आस्तीन को चबाने लगते है।
बच्चों से इन आदतों को छुड़ाना झुंझलाहट भरा काम है।यदि हम शुरूआत में ही इन आदतों को रोकना शुरु करें तो दोनो के लिए आसान होगा ।
बच्चे के गलती करने पर उसे प्यार से समझाये ,उसे बताये कि किसी भी समस्या को हल कर सकते है।
गलती करने पर ज्यादा सजा न दे ,अक्सर ज्यादा सजा और डांट उनके गुस्से को बढ़ाता है। उसे गलती मानने और सच बोलने के लिए प्रेरित करें ।
गलती मानने पर उन्हे प्यार करे और उनका हौसला बढाये । बुरी आदतें छोड़ने पर उन्हे गिफ्ट दे। जिससे वे खुश रहेगें और आदतें छोड़ने मे सहयोग करेगें ।
बच्चे के अच्छे चरित्र के लिए उन्हे समझदारी से उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें ताकि आपसे बात करने मे सहज महसूस करे।
बच्चे बहुत मासूम होते है।बच्चे सकारात्मक ऊर्जा से भरे होते है उनपर खुद को थोपे नही । बच्चे सभी के जीवन मे खुशियों और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है,इन्हें सहेज कर रखना हमारी जरूरत है।
Monday, 28 September 2015
परवरिश
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत कहानी है बड़ा मंगल
कलयुग के आखिरी दिन तक श्री राम का जाप करते हुए बजरंगबली इसी धरती पर मौजूद रहेंगे। ऐसा हमारे ग्रंथों और पौराणिक कहानियों में लिखा है। लखनऊ ...
-
आज सब जने कुछ ना कुछ महिलाओं को लेकर लिख रहे हैं। सम्मान दे रहे हैं। तो हमारे अंदर की भी छोटी और थोड़ी बड़ी औरत चुलबुला गई. हम भी कुछ लिख दि...
-
वो कहते हैं ना इतिहास अपने आप को दोहराता है. या बाप की आदतें बच्चे में होती हैं. इसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में सबने देखा होगा और ...
-
पिछले हफ्ते रिलीज हुई फिल्म तानाजी और छपाक बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाए हुए हैं, वहीं इस हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्म भी सिल्वर स्क्री...
No comments:
Post a Comment