आज देवों के देव महादेव के लाडले बेटे गणपति का हैप्पी बर्थडे है. आज के ही
दिन बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश का जन्म हुआ था. हिन्दू मान्यताओं
के अनुसार, भादो माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था. उनके हैप्पी
बर्थडे को ही गणेश चतुर्थी कहा जाता है.
वैसे तो गणपति के जन्मदिन को पूरा देश सेलिब्रेट करता है, लेकिन मुंबई और मध्य
प्रदेश में खासतौर पर सेलिब्रेट करते हैं. बप्पा के जन्मदिन का जश्न दस दिन तक मनाया
जाता है. यह गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन खत्म होता है. लोग
बप्पा की मूर्ति घर लाते हैं और बप्पा का विसर्जन अगले साल आने के वादे के साथ
करते हैं.
इनके जन्म की स्टोरी बहुत ही इंटरेस्टिंग है. कई बार टीवी पर देख चुके हैं तो
अगले 9 दिनों विनायक की कहानी लिख देंगे, कहानी थोड़ी बड़ी है ना. अभी के लिए ये
जान लीजिए की कब इसकी शुरूआत हुई. गणेश उत्सव सबसे पहले महाराष्ट्र में मनाया
गया, जैसा कि सबको पता है बप्पा के जन्म का जश्न बहुत ही शानदार तरीके से मनाते
हैं.
भारत में जब से पेशवाओं
का शासन था, तब से गणेश उत्सव मनाया
जाता है. मराठा शासक छत्रपति शिवाजी ने गणेशोत्सव को राष्ट्रीयता एवं संस्कृति से
जोड़कर एक नई शुरुआत की थी. पेशवाओं के समय में विनायक को राष्ट्रदेव के रूप में दर्जा
प्राप्त था, क्योंकि वे उनके कुलदेव थे. पेशवाओं के बाद ब्रिटिश
शासन 1818 से 1892 तक लोग घरों में ही गणेशोत्सव मनाते थे. यह पर्व हिन्दू घरों के
दायरे में ही सिमटकर रह गया था, लेकिन हमारे वीर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1893
में पुणे में पहली बार सार्वजनिक रूप से गणेशोत्सव मनाया. उनका ये प्रयास एक
आंदोलन बना और स्वतंत्रता आंदोलन में इस गणेशोत्सव ने लोगों को एकजुट करने में अहम
भूमिका निभाई.
बाकी जन्म की कहानी अगले आर्टिकल में...
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