Friday, 7 September 2018

आज है इंटरनेशनल साक्षरता दिवस, जान लो कब हुई इसकी शुरूआत





आज सभी इंटरनेशनल साक्षरता दिवस सेलिब्रेट कर रहे हैं. डिजिटलाइजेशन के स्वैग में लगभग सभी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साक्षरता दिवस को लेकर काफी कुछ पोस्ट किया होगा और तस्वीरें शेयर की होंगी. लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचा इसे क्यों मनाते हैं या इसकी शुरूआत कब हुई होगी... सोचा ही होगा एक से एक बुद्धिजीवी है अपने देश में.

आज आठ सितंबर को हम 52 वां इंटरनेशनल साक्षरता दिवस मना रहे हैं तो ये जानना भी बनता है कि कैसे हुई इसकी शुरूआत और क्या है इसका मकसद.

साल 1966 में यूनेस्को माने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने शिक्षा के लिए  लोगों में जागरूकता की अलख ज्योत जलाने और वर्ल्ड के लोगों का ध्यान अट्रैक्ट करने के लिए हर साल 8 सितम्बर को इंटरनेशनल साक्षरता दिवस मनाने का सॉलिड फैसला किया. इस फैसले के बाद  दुनियाभर में हर साल 8 सितंबर को ये दिन मनाया जा रहा है.

भले ही इसे 1966 में लागू किया गया हो,लेकिन ये सोच लागू होने से पहले की है. निरक्षरता को खत्म करने के लिए इसे मनाने का ख्याल पहली बार ईरान में शिक्षा मंत्रियों के वर्ल्ड सम्मेलन के दौरान आया था. 8 से 19 सितंबर तक इसके बारे में जमकर चर्चा हुई.

फिर क्या जिस तरह जाने वाले को कोई नहीं रोक सकता तो आने वाले को कौनों ना रोक पाएगा. 26 अक्टूबर 1966 को यूनेस्को ने 14वें जरनल कॉन्फ्रेंस में घोषणा की. यूनेस्को ने कहा कि ध्यान से मेरी बात को गांठ बांध लो हर साल पूरी दुनिया में 8 सितंबर को 'अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

बस इत्ती से कहानी है. वैसे तो सभी मानते हैं कि शिक्षा बिना इंसान अधूरा है, सोशल और पर्सनल तौर पर लोगों का विकास शिक्षा के जरिए ही संभव है, इसलिए सबका शिक्षित होना बेहद जरूरी, ताकि लोगों को अपनी परिस्थितियों से लड़ने में आसानी मिल सके. 
ज्यादा ज्ञान नहीं देंगे. बस सबको मदद करने की जरूरत छोटी हो या बड़ी फर्क नहीं पड़ता, जो बच्चे शिक्षा पाने में सक्षंम नहीं हैं, उनकी मदद ज्यादा कुछ नहीं. स्टेटस अपडेट करने से तो बेहतर है.....


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