Sunday, 23 September 2018

आज से शुरू हो रहे पितृपक्ष




बप्पा की विदाई के बाद पूर्वजों का धरती पर आज से आगमन हो गया है. अपने वंश का कल्याण करने के लिए पंद्रह दिन के लिए पितृ घर में विराजमान रहेंगे. घर में सुख-शांति-समृद्धि प्रदान करेंगे. आज से शुरू हो रहे पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण कराते हैं और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं. श्राद्ध भाद्रपद शुक्लपक्ष पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक चलते हैं. इसी दौरान पितरों को पिंडदान कराया जाता है. 
पितृपक्ष करने की एक विधि होती है और अगर इसे सही से ना किया जाए तो पूर्वज अतृप्त रहते हैं. 

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