Sunday, 14 October 2018

मिसाइल मैन की लाइफ देती है सफलता की ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा




भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का आज जन्मदिन है. 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे कलाम साहब की शख्सियत बेहद शानदार, जानदार और जबरदस्त थी, जिससे आज भी लोग मोटिवेट होते हैं. लोगों की मदद के लिए वे हमेशा तैयार रहते थे. कलाम ने अपने जीवन में कई कार्य किए.



'अग्नि' मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक कलाम साल 2002 में हमारे देश के 11 वें राष्ट्रपति बने. पांच साल पूरे होने के बाद वह शिक्षा और सार्वजनिक सेवा में लौट आए थे. 1962 में कलाम इसरो पहुंचे. कलाम ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए भारत का अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया. 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया. कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया.



कलाम एक मछुआरे के बेटे थे और जीवन का शुरुआती सफर में अखबार बेचते थे. मेहनत और लगन से वह देश के मशहूर वैज्ञानिक, राष्ट्रपति बने. वह हमेशा युवाओं में नया करने का जोश भरते रहे. आज भी लोग उनकी किताबों को पढ़कर जिंदगी की बारीकियों को सीख रहे हैं. उन्होंन लगभग दो दर्जन किताबें लिखी हैं.  
कलाम का जीवन सभी को प्रेरणा देते है कि कितनी भी मुश्किलें आए. लेकिन लगातार कोशिशें और संघर्ष इंसान को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है.



27 जुलाई, 2015 को कलाम आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे और इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था.

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