Wednesday, 11 December 2019

नागरिकता संशोधन बिल 2019 पास या फेल?



नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद पूरे देश में कहीं जश्न तो कहीं जंग का माहौल है. इस बिल के पास होने से हिंदू शरणार्थियों ने जमकर जश्न मनाया. कहीं मिठाइयों के डिब्बे खोले गए तो कहीं दिये जलकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं. साथ ही लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त कर रहे थे. 

वहीं असम, गुवाहाटी में जन आक्रोश देखने को मिल रहा है. इस बिल को लोकसभा में 311 पक्ष और 80 विपक्ष और राज्यसभा में 125 पक्ष और 99 विपक्ष ने वोट किए.
नागरिकता संशोधन बिल 2019 जिसे लेकर पूरे देश में हो हल्ला है. 

आइए जानते हैं क्या है नागरिकता संशोधन बिल.
संशोधन लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक Citizenship Amendment Bill (CAB) कानून बनकर लागू हो जाएगा. इसके बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा. 

वहीं कैब 2019 के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी.

कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां कैब का विरोध कर रही हैं. सरकार के अनुसार, धार्मिक उत्पीड़न की वजह से इन देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को कैब के माध्यम से सुरक्षा दी जा रही है.

इस बिल के पास होने से मोदी सरकार ने एक बार फिर इतिहास रचा है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे काला दिन कहा है. कैब बिल से पहले भी मोदी सरकार ने कई बार जनता के दिल में जगह बनाई है.

मोदी सरकार ने तीन तलाक समाप्त किया, कश्मीर से धारा 370 हटाई, राम मंदिर का समाधान जैसे कई ऐतिहासिक मसलों को हल निकाला है. इसके अलावा इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (सेकंड एमेंडमेंट) बिल, 2019 के माध्यम से इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (कोड) में अनेक संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस संशोधन के तहत कंपनी के पूर्व प्रमोटर्स के अपराधों के लिए उसके नए खरीदारों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं चलाया जाएगा.


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