जोगीरा सारा रारा... थोड़ा लेट हो गया. कुछ दिन पहले ही हम सब ने होली मनाई
है. कोरोना वायरस के कारण कई तरह के लोगों ने होली खेलने से बचने की हिदायत दी.
वहीं काफी सारे फेमस लोगों ने होली से दूरी बनाई. वहीं आम जन मानस होली के रंगों
में मस्त होकर जमकर होली खेली. होली से दो दिन पहले आम से लेकर खास लोगों ने सोशल
मीडिया से लेकर आस-पास की महिलाओं के साथ विश्व महिला दिवस मनाया. महिलाओं की
प्रशंसा की या यूं कहें तारीफों के पुल बांधें गए.
लेकिन ये लोग जो महिला उत्थान में अपनी सोशल मीडिया की
दीवार रंग रहे थे. क्या ये ऐसे ही हैं, हम सबके बारे में कुछ नहीं कहते या हम किसी के बारे में
नहीं कहते. हम आपको बस वो बता रहे है जो समाज में होता है चलता है.
समाज में त्योहार को मनाने का तरीका हमारा कल्चर दिखाता है
और उसमें बजने वाले गाने हमारे समाज के दिल का आईना से होते हैं. आप भी हमारी इस
बात से सहमत तो होंगे ही, याद कीजिए रक्षाबंधन का गाना 'इसे समझो ना रेशम
का तार भैया मेरी रखी का मतलब है प्यार भैया'.
अब मैं आपको होली के कुछ फेमस गाने बताऊंगी जो आज से नहीं
बहुत पहले से सार्वजानिक रूप से होली पर गाए और बजाए जा रहे हैं और आज का यूथ भी
खूब एंजॉय करता है.
गाने मैं बता रही हूं और मतलब आप सब निकाल लीजिए. मैं बात
कर रही हूं अंग से अंग लगाना, रंग बरसे भीगे चुनर वाली... जैसे गाने और भोजपुरी के
होली गीतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. अब समझ तो गए ही होंगे आप मैं क्या कहना चाह
रही.
वहीं होली के हुड़दंग में महिलाओं के साथ होनी वाली
छेड़खानी ने भी यौन शोषण का रूप ले लिया है. जबरदस्ती रंग लगाना, रंग लगाने के
बहाने महिलाओं को छूना नॉर्मल हो गया है. बाकी कसर इन डबल मीनिंग गानों ने पूरी कर
दी है.
मैं त्यौहार या गानों के खिलाफ नहीं हूं ब्लकि मेरे घर में
भी यही गानें बजते है और मैंने भी कई बार इन्हीं गानों पर डांस किया है. लेकिन
सोचना तो होगा हमें, सोशल मीडिया की दीवार रंगने से महिला दिवस पूरा
होगा क्या? क्योंकि इन गानों के बिना होली तो पूरी नहीं होती.
बात वही है हर साल होली आती है लोग रंग लगाते हैं. गाने
होते हैं, वहीं हर साल देश और होली में महिलाओं के साथ होनी वाली अप्रिय घटनाएं
दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं. लोगों से गुजारिश है आस-पास रहने वाली महिलाओं के
लिए सुरक्षित माहौल बनाए.