Thursday 25 August 2016

जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है.
लेकिन जैसा जन्मोत्सव मथुरा में मनाया जाता है वैसा और कहीं नहीं. दूर-दूर से लोग जन्माष्टमी मनाने के लिए मथुरा आते हैं.
इस बार की जन्माष्टमी और भी ख़ास हो गई है. क्योंकि  गृह, नक्षत्रों का संयोग वैसा ही पड़ा है जैसा श्री कृष्ण के जन्म के समय था.
ऐसी मान्यता है कि यह भगवान कृष्ण का 5243वां जन्मोत्सव है.
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को
रोहिणी नक्षत्र में रात के 12 बजे हुआ था.
गुरुवार को दिन में 3 बजकर 21 मिनट से रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी, हर्षण का जयंती योग बना रहा है.
चूंकि कृष्ण का जन्म रात में हुआ था, इसलिए इसका मान 25 और 26 अगस्त के बीच की रात ही माना जाएगा.
रोहिणी नक्षत्र का मान 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.ऐसा संयोग हर बार नहीं होता है.
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान तथा द्वारिकाधीश आदि अनेक मंदिरों में जन्माष्टमी गुरुवार को मनाई जा  रही है.

Wednesday 24 August 2016

कृष्ण की नगरी द्वारिका

श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका महाभारत युद्ध के 36 वर्ष बाद समुद्र में डूब जाती है। द्वारिका के समुद्र में डूबने से पूर्व श्री कृष्ण सहित सारे यदुवंशी भी मारे जाते है। समस्त यदुवंशियों के मारे जाने और द्वारिका के समुद्र में विलीन होने के पीछे मुख्य रूप से दो घटनाएं जिम्मेदार है। एक माता गांधारी द्वारा श्री कृष्ण को दिया गया श्राप और दूसरा ऋषियों द्वारा श्री कृष्ण पुत्र सांब को दिया गया श्राप।  
महाभारत युद्ध के बाद जब युधिष्ठर का राजतिलक हो रहा था तब गांधारी ने युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराते हुए श्राप दिया की जिस प्रकार कौरवों के वंश का नाश हुआ है ठीक उसी प्रकार यदुवंश का भी नाश होगा।
एक दिन महर्षि विश्वामित्र, कण्व, देवर्षि नारद आदि द्वारका गए। वहां यादव कुल के कुछ नवयुवकों ने उनके साथ मजाक करने का सोचा। वे श्रीकृष्ण के पुत्र सांब को स्त्री वेष में ऋषियों के पास ले गए और कहा कि ये स्त्री गर्भवती है। इसके गर्भ से क्या उत्पन्न होगा?
ऋषियों ने जब देखा कि ये युवक हमारा अपमान कर रहे हैं तो क्रोधित होकर उन्होंने श्राप दिया कि- श्रीकृष्ण का यह पुत्र वृष्णि और अंधकवंशी पुरुषों का नाश करने के लिए एक लोहे का मूसल उत्पन्न करेगा, जिसके द्वारा तुम जैसे क्रूर और क्रोधी लोग अपने समस्त कुल का नाश करोगे। इस मूसल के प्रभाव से केवल श्रीकृष्ण व बलराम ही बच पाएंगे। श्रीकृष्ण को जब यह बात पता चली तो उन्होंने कहा कि ये बात अवश्य सत्य होगी।


लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत कहानी है बड़ा मंगल

  कलयुग के आखिरी दिन तक श्री राम का जाप करते हुए बजरंगबली इसी धरती पर मौजूद रहेंगे। ऐसा हमारे ग्रंथों और पौराणिक कहानियों में लिखा है। लखनऊ ...