Wednesday 14 September 2016

पान की खुशबू ऑस्ट्रेलिया में बिखेर रहे संजय


मुंबई से ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट होने के बाद संजय धोड़ी
शहर में सिर्फ एक चीज को बहुत ज्यादा ही मिस कर रहे थे, वो था रसभरे पान का डेली डोज.
तब संजय ने अपने इस शौक को पूरा करने के लिया ऑस्ट्रेलिया में पहली पान की शॉप खोली.
संजय जब अँधेरी में रहते थे तो वो रोजाना ही रसीले पान का लुत्फ उठाते थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया आने के बाद उनकी लाइफ बिल्कुल अधूरी सी हो गई थी. संजय ने ऑस्ट्रेलिया की हर गली-कूचे में पान की दुकान तलाश की, पर उन्हें कहीं नहीं मिली.
संजय अपने करियर को तराशने ऑस्ट्रेलिया आए थे. वह अच्छे बिजनेसमैन बनना चाहते थे. इसलिए संजय ने ग्रोसरी स्टोर के साथ एक छोटी सी पान की दुकान भी खोली.



उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उनका यह बिजनेस कैसा चलेगा, चलेगा भी या नहीं. क्योंकि इसके बारे में कोई रिसर्च नहीं की थी.
लेकिन आज सिर्फ संजय की पान शॉप ही पहली शॉप है. यह शॉप्स स्टेशन स्ट्रीट 3/14 पर हैं. उनकी शॉप दुर्गा पान और फालूदा शॉप के नाम से फेमस है.
हर्रिस पार्क के पास संजय ने अपनी दूकान का सेटअप किया है, क्योंकि इस जगह पर भारतीय लोगों की तादाद सबसे ज्यादा होती है. उनकी इस शॉप में उनके बीवी और बेटे मदद करते हैं.
संजय अपनी दुकान में तीन तरह के पान रखते हैं- मीठा, सादा और डार्क चॉकलेट. इनमें मीठा पान सबसे ज्यादा फेमस है. वह इस पान में गरी, गुलकंद, सुपाड़ी, और शहद डालकर देते हैं.
इसके अलावा संजय की फालूदा शॉप में कुल्फी और फालूदा की डिमांड सबसे ज्यादा है.
संजय ने बताया कि सौंफ और गुलकंद ऑस्ट्रेलिया में आसानी से मिल जाते हैं.
संजय के ज्यादातर कस्टमर्स’ पाकिस्तान, इंडिया, बांग्लादेश और साउथ एशियन देशों से हैं. वैसे तो रोज ही यह अच्छी कमाई करती है. लेकिन वीकेंड पर डेली के दिनों से अधिक कमाई होती है.
संजय का कहना है कि पान के शौक़ीन पूरी दुनिया में मिलेंगे. आपको पान यू के और यू एस में भी मिलेंगे. क्योंकि हम भारतीय सारी दुनिया में फैले हुए है. पान का स्वाद ही परदेश में देश की खुशबु बनाए रखता है.
ऑस्ट्रेलियन जब भी पान का स्वाद चखते हैं तो उन्हें ये बिल्कुल अलग और नया ताजगी भरने वाला टेस्ट लगता है. पान को मुंह में रखते ही नए स्वाद घुलने लगते हैं.


Monday 5 September 2016

Happy Teacher's day उन सभी को जिनसे मैंने सीखा

Happy Teacher's day उन सभी को जिनसे लाइफ की छोटी -छोटी मगर मोटी बातें मैंने सीखी. सिर्फ आजतक टीचर्स को ही हैप्पी टीचर्स डे विश करने को हमारे टीचर या बड़ों ने बताया. उनसब का क्या जो हमें लाइफ के अहम पाठ पढ़ा जाते हैं, बिना किसी मंथली या ट्यूशन फीस लिए. ये सभी लोग अपनी मां, पड़ोसी की मां, कभी राह चलते लोग, कभी पड़ोसवाली आंटी, कभी घंटों तपती धूप में घंटों काम करने वाले मजदूर या फिर वो बच्चे जिन्होंने सिर्फ अभी जीना ही सीखा है टीचर बनकर कुछ ऐसा सीखा जाते हैं, जो हर मोड़ पर या यूँ कहें डेली लाइफ में काम आ ही जाता है.खैर एक बार फिर से सभी को Happy Teacher's day.
''गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है'' स्कूल टाइम में हमने भी टीचर को मस्का लगाने के लिए ये कोटेशन बहुत बार अपनी कॉपी के पन्नों पर सजाई. तब इनका मतलब तो समझ आता था लेकिन कभी सीरियस नहीं हुए. बस यही समझते थे टीचर न हो तो ABCD कोई न सीख पाता. 


लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत कहानी है बड़ा मंगल

  कलयुग के आखिरी दिन तक श्री राम का जाप करते हुए बजरंगबली इसी धरती पर मौजूद रहेंगे। ऐसा हमारे ग्रंथों और पौराणिक कहानियों में लिखा है। लखनऊ ...