Thursday 20 February 2020

शिव और शक्ति के मिलन की रात है महाशिवरात्रि



हर हर महादेव... भोले के भक्तों के लिए आज का दिन किसी जश्न से कम नहीं है. आज पूरा देश भोले के जयकारों से गूंज रहा है. 

वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है. चंद्र चक्र में आने वाली सबसे अंधेरी रात को शिवरात्रि कहते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है, जो फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होती है.

मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि को शिव और शक्ति के मिलन की रात माना जाता है. महाशिवरात्रि के दिन ही शिव ने वैराग्य को छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था.

आज के दिन ही 64 जगहों पर शिवलिंग प्रकट हुए थे. आज के दिन भोले के भक्त उनकी बारात निकालते हैं और हर जगह भोले की धूम होती है.


Tuesday 18 February 2020

एंटरटेनमेंट की लेटेस्ट न्यूज..



एंटरटेनमेंट गलियारे में आए दिन कुछ न कुछ होता ही रहता है. कभी किसी को फिल्म मिलती है, कभी किसी के हाथ से फिल्म रेत की तरह फिसल जाती है. एंटरटेनमेंट की लेटेस्ट न्यूज..
बंटी और बबली 2 की रिलीज डेट फाइनल कर दी गई है. इस फिल्म को वरूण वी शर्मा डायरेक्ट कर रहे हैं. इस फिल्म में रानी मुखर्जी के साथ सैफ अली खान और सिद्धांत चतुर्वेदी नजर आएंगे. ये फिल्म 26 जून 2020 को रिलीज होगी.
तापसी पन्नू और ताहिर राज भसीन अपकमिंग फिल्म लूप लपेटा में नजर आएंगे. दोनों स्टार पहली बार एक साथ नजर आएंगें. ये फिल्म 29 जनवरी 2021 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. इस फिल्म को आकाश भाटिया डायरेक्ट करेंगे.

सचिन तेंदुलकर को मिला लॉरियस 2020 अवॉर्ड


खेलों का ऑस्कर कहे जाने वाले लॉरियस 2020 स्पोर्ट्स अवॉर्ड करोड़ों फैंस के दिलों पर राज करने वाले क्रिकेट के भगवान मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर को सम्मानित किया गया है.
सचिन तेंदुलकर को लॉरियस अवॉर्ड कैरीड ऑन द शोल्डर्स ऑफ ए नेशन से नवाजा गया है.
सचिन को ये सम्मान वर्ल्ड क्रिकेट की 20 सालों से ज्यादा सेवा करने के लिए मिला है.
आइए जानते है लॉरियस अवॉर्ज के बारे में
इसकी शुरुआत 1999 में हुई थी.
खेल जगत  में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ये सम्मान दिया जाता है.

Thursday 13 February 2020

हैप्पी वैंलेटाइन डे: आशिक मरा नहीं करते...




आशिक मरा नहीं करते... ऐसा कई फिल्मों में डॉयलॉग सुना होगा या फिर कई आशिकों को कहते सुना होगा... मैं भी एक आशिक से मिली थीं, जब मैं एमजेएमसी कर रही थीं लखनऊ यूनिवर्सिटी से.. मैं कभी हीर रांझा, सोनी महिवाल और लैला मंजनू से तो नहीं मिली लेकिन मिली होती तो यही कहती तुमने भी क्या खाक मोहब्बत की होगी जैसी राजू भाई ने की.

राजू भाई लखनऊ यूनिवर्सिटी का जाना पहचाना चेहरा, जिनको यूनिवर्सिटी का हर स्टूडेंट जानता जरूर होगा... उनका प्यार और उनके इश्क की दास्तां कुछ है ही ऐसी... मेरी उनसे मुलाकात यूनिवर्सिटी के पहले दिन हुई थी.. मेरा पहला दिन था क्लास का... मैं अपनी लाइफ में पहली बार बिना किसी के साथ के जो घर से इतनी दूर आई थी.. यहां मैं बता दूं कि मेरा घर लखनऊ में ही है, लेकिन स्कूल और गेजुएशन की पढ़ाई घर से कुछ दूर पर मौजूद कॉलेज से की और पहले कभी घर से निकली नहीं तो काफी जद्दोजहद के बाद मैं पहुंची पहली क्लास भी छूट गई.. शायद उस दिन यूनिवर्सिटी पहुंचने के चक्कर में पूरा तो नहीं लेकिन आधा लखनऊ घूम लिया.

कॉलेज का हर बंदा राजू भाई की लव स्टोरी जानता होगा. सुनी सुनाई और राजू भाई की बातों की माने जाए तो राजू भाई को एक लड़की से इश्क था, जिसके प्यार में उन्होंने अपना घर बार सब छोड़ दिया था और कॉलेज में घूमते रहते थे. लोगों से बातें करते थे, उनकी बातें सुनते थे कुछ स्टूडेंट्स उनमें दिलचस्पी लेते थे तो कुछ उन्हें देख कर बचने की कोशिश करते थे. लेकिन इन सब से कोई मतलब नहीं था.

प्यार की कई कहानियां सुनी है लेकिन उनके जैसी नहीं वो उस लड़की के बारे में हर बात बताते जैसे वो बहुत सुंदर थी, लेकिन शायद ही किसी को उसका नाम बताया हो कभी किसी को. जहां आज के दौर में लोग प्यार से अलग होने पर ना जाने कैसी हरकतें कर देते हैं. वहीं उनका प्यार इन सब से जुदा था मतलबी ना था.
राजू भाई यूनिवर्सिटी के गोल्ड मेडललिस्ट थे, लेकिन प्यार ने उनको दिन दुनिया से अलग कर दिया था वो ऐसी दुनिया में थे जहां सिर्फ वो और उनका प्यार और वो समझदारी भरी दुनिया से अलग थे या यूं कहें कि सिर्रिया गए थे. उनकी खास आदत की वो सभी से पेन मांगते थे और ना जाने क्या लिखा करते थे अपने हाथों पर. उनके पास सिर्फ उसकी बातें होती थी जिसे कोई नहीं जानता कौन थी क्या नाम था. लेकिन सभी करते थे.

राजू भाई की लव स्टोरी की तरह ही इनकी डेथ भी एक मिस्ट्री बन गई कुछ महीनों पहले सुना था कि वो अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. स्टेट्स लगाने पर पता चला कि दो साल पहले ही जा चुके हैं, फिर पता चला कि वो कहीं चले गए हैं. जितने मुंह उतनी बातें. अब सच तो भोले ही जाने कि वो कहां हैं जहां भी रहे खुश रहें.

Thursday 6 February 2020

सुहागनगरी में पनपता, संवरता और सजता है चूड़ियां बनाने का हुनर




चूड़ियां हिंदुस्तान की परंपरा और सभ्यता में सुहाग के रंग से जुड़ी है यही वजह है कि चूड़ियों की खनक हमारी जिंदगी का अहम तरीन  हिस्सा बन गई फिल्मों में भी इसको बखूबी दर्शाया गया, चूड़ियों का रंग हम सबकी जिंदगी में रचा बसा है फिर वह कांच की चूड़ी हो या प्लास्टिक की या फिर धातु की तो क्यों ना बात चल उठी है तो फिरोजाबाद की ओर चला जाए जहां घर-घर में यह हुनर पनपता है सवरता है सजता है फिरोजाबाद शहर जिसे चूड़ियों के नाम से जाना जाता है फिरोजाबाद में बेहद नक्काशीदार चूड़ियां बनाई जाती है और इस काम में लाखों मजदूर लगे हुए हैं या यूं कहें कि जिले में लाखों कारीगर चूड़ी बनाने का काम करते हैं इन चमकदार चूड़ियों के पीछे छिपा है इन कारीगरों का अंधकार। भविष्य आइए आपको रूबरू कराते हैं निकुंज यादव के जरिए इन चूड़ियों का रंग।चलिए हमारे साथ एक सफर के साथ जो बेहद हसीन भी है वहाँ गम बे हिसाब है ।

फिरोजाबाद मे चूड़ी उद्योग की सुरुवात जसराना से हुई और जनक रहे रुस्तम उस्ताद.

जसराना फ़िरोज़ाबाद से 40 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है इन चूड़ियों का इतिहास भी कम दिलचस्प नहीं रहा जसराना से फिरोजाबाद आकर बसे रुस्तम उस्ताद ने हिंदुस्तान में कांच की चूड़ी के निर्माण के लिए बेलन भट्टी का काम से तजुर्बा कर चूड़ियों का काम शुरू किया नई नई तकनीक सीखने वह मंबई भी गए रुस्तम उस्ताद ने फ़िरोज़ाबाद ग्लास नाम से पहली चूड़ी की बेलन भट्टी स्थापित की ।

सुहागिनों का प्रतीक चूड़ी जिसको चूड़ी कारीगर दिन रात एक कर बनाने में लगे रहते है वर्षी बाद भी उनके रहन सहन के स्तर में कोई भी बदलाव नही आया है.

इस कारोबार में जिले का लघभग चार लाख मजदूर प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है जिले में लगभग 300 छोटे बड़े कारखाने है इन दिनो कारखानों के मालिकों के सामने गैस की कीमतों को लेकर भारी किल्लत बनी हुई है जिले का चूडी कारोबार पूरी तरह से ठेखा बेस पर उठा हुआ है और फ़िरोज़ाबाद शहर के अमूमन प्रत्येक घर मे चूड़ी का कारोबार होता है यँहा कि बनी हुई चूड़ियां देश के साथ साथ विदेशो में भी भारी डिमांड के साथ भेजी जाती है  ऐशे में अब इस कारोबार को बचाने के लिए सरकार को सोचना होगा ओर व्यापारी व मजदूरों को हो रही असुविधाओं को समझ कर पूरा करना होगा ।

लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत कहानी है बड़ा मंगल

  कलयुग के आखिरी दिन तक श्री राम का जाप करते हुए बजरंगबली इसी धरती पर मौजूद रहेंगे। ऐसा हमारे ग्रंथों और पौराणिक कहानियों में लिखा है। लखनऊ ...