Sunday 18 October 2020

पाकिस्तानी मीडिया के सामने कांग्रेस ने किया देश का अपमान

 



राजनीति के खेल में बीजेपी को नीचा दिखाने के चक्कर में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तानी मीडिया के सामने अपने देश की धज्जियां उड़ा दीं. देश की तुलना पाकिस्तान से की. साथ ही तबलीगी जमात को देश में पीड़ित की संज्ञा दे डाली. इस पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने थरूर को खरी-खोटी सुनाई है.

दरअसल, थरूर लाहौर थिंक फेस्ट नाम के कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े थे. इस कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने देश का अपमान किया. थरूर ने कहा कि कोरोना से बेहतर तरीके से निपटने पर हमें पाकिस्तान से जलन हो रही है. कोरोना महामारी के दौरान भेदभाव बढ़ा है. साथ ही तबलीगी जमात को पीड़ित बताया.

बीजेपी ने इस मुद्दे पर सिर्फ शशि थरूर के साथ राहुल गांधी पर भी निशाना साधा है. संबित पात्रा ने कहा है कि थरूर ने जो बयान दिया है उस पर विश्वास नहीं हो रहा है कि कोई भारत का सांसद, राहुल का गांधी का राइट हैंड ऐसे प्लेटफॉर्म अपने ही देश का मजाक कैसे उड़ा सकता है?’

उन्होंने आगे कहा कि थरूर भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस के लिए उठाए गए कदमों की आलोचना करते हैं और पाकिस्तान की तारीफ. भारत में उत्तरपूर्व के लोगों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं होता है जबकि भारत जैसा लोकतांत्रिक देश कहीं नहीं है, धिक्कार है थरूर के बयान पर.

तबलीगी जमात पर पात्रा ने कहा कि उन्हें यहां कट्टरता दिख रही है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने एक बार भी पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार पर सवाल उठाए?

 

लालू प्रसाद यादव ने उड़ाया नीतीश सरकार का मजाक

 



बिहार में आगामी विधानसभी चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां तेज हैं. आए दिन सत्ता में पकड़ मजबूत करने के लिए राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे की बखिया उधेड़ते रहते हैं. इसी चुनावी दंगल में नीतीश सरकार पर ताबड़तोड़ वार किए जा रहे हैं. नीतीश सरकार भी इस हमले का जवाब बड़ी मुश्तैदी से दे रही है. अब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.

लालू यादव भले ही जेल में हो लेकिन उनके ट्वीट लगातार सुर्खियों में रहते हैं. लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर 'बिहार में उद्योग' के मामले में हमला बोला है. लालू यादव ने ट्वीट कर नीतीश सरकार पर करारा सवाल दागा है. उन्होंने सवाल किया है कि बिहार में अब हिंद महासागर भेजा जाए क्या? पंद्रह सालों की नाकामी पर सिर्फ गाल बजाएंगे क्या? नीतीश कुमार, आप थक गए हैं, अब जाकर आराम कीजिए. इस ट्वीट के साथ ही आरजेडी द्वारा बनाया गया एक कार्टून भी है. इस कार्टूव में पानी ले जा रहे कुछ व्यक्तियों से एक शख्स सवाल पूछता है जिसके जवाब में वो कहते हैं - समंदर बनाने जा रहे हैं बिहार में, नीतीश कहते हैं समुन्दर दो तब कारखाना लगाऊंगा.

आपको बता दें कि लालू यादव का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट उनके कार्यालय द्वारा संचालित किया जा रहा है.

वहीं चिराग पासवान ने पिता दिवंगत राम विलास पासवान के दसकर्म पर बाल मुंडवाते हुए कहा कि नीतीश कुमार को दुबारा मुख्यमंत्री बनने से रोकने की हर मुमकिन कोशिश करूंगा.

रविवार को बक्सर में चुनावी सभा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को सोचना तो कुछ नहीं है, काम तो कुछ नहीं है, बस कुछ से कुछ करके अपना पैसा बनाना है. हमने तो सबके विकास के लिए कार्य किया है. हम लोग मिलकर बिहार को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे.

Thursday 17 September 2020

देश के भविष्य के लिए गांव का विकास जरूरी

 


देश के सुनहरे भविष्य के लिए गांव का विकास होना बहुत जरूरी है. जिस तरह मछली को जीवित रहने के लिए जल जरूरी वैसे ही देश के उत्थान के लिए गांव की मजबूती. शहर हो या विदेश लोगों की जड़े आज भी गांवों से जुड़ी हुई हैं. अगर गांव रूपी जड़े कमजोर होंगी तो देश रूपी पेड़ फल-फूल नहीं पाएगा.

महात्मा गांधी कहा करते थे कि भारत गांवों में बसता है. भारत को जानना है तो गांव को जानना होगा. जैसा कि सभी को पता है भारत एक कृषि प्रधान देश है. देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कृषि का बड़ा योगदान है. देश की दो तिहाई जनता खेतीबाड़ी और उससे जुड़े हुए कामों से जीवनयापन कर रही है. फिर भी किसान और गांव उपेक्षित हैं. लोग खेती छोड़ गांव से शहर की ओर आ रहे हैं. इसे रोकने के लिए सरकार को गांवों को विकसित और मजबूत बनाने की योजना बनानी होगी.



स्मार्ट सिटी में पैसे बर्बाद करने से अच्छा गांवों के विकास पर ध्यान दिया जाए,क्योंकि भारत का भविष्य गांव और किसान हैं. पलायन को रोकने के लिए सरकार को ऊसर हो रही जमीन पर गांवों के विकास की फसल के बीज बोने चाहिए, जिससे गांव छोड़कर जाने वाले किसान वापस आ सकें और देश के भविष्य को बचाने में मदद कर सकें.

कोरोना ने सरकार को नई योजनाएं और लोगों को अवसर दिया है कि वह अपने गांव में रहकर नई तकनीकें अपनाकर खेती कर सके. सरकार के 20 करोड़ के पैकेज में किसानों के लिए भी कई योजनाएं हैं, जो गांव के विकास में सहायक होंगी.

आत्मनिर्भर भारत का मूल ग्रामीण विकास में छिपा है. सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय वित्त वर्ष 2020-21 में 2,00,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि ग्रामीण भारत के विकास के लिए खर्च करने की घोषणा की. लॉकडाउन में सरकार ने गांवों में मनरेगा के माध्यम से कार्य करवाते हुए इसे रोजगार का जरिया बनाया है, जो वाकई मददगार साबित हो रहा है. ऐसी योजनाएं गांवों की तरक्की के नए रास्ते खोल सकती है.



सरकार गांव की अर्थव्यवस्था, संस्थागत ढांचे को व्य​वस्थित करें. साथ ही गांव में पैदा किए गए अनाज और उत्पादों को बेहतर सप्लाई चेन के जरिए सही जगह तक पहुंचाने के लिए बेहतर इंतजाम हों तो गांव को खुशहाल होने से कोई नहीं रोक सकता. गांव और किसान अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए स्वयं का उत्पादन करने का आत्मबल हासिल करेगा. शिक्षा के अवसर प्रतिस्पर्धी, कौशल युक्त तथा सबके लिए समान हों. बुनियादी जरूरतें पूरी हों.

देश में कोरोना के चलते बड़े-छोटे सभी उद्योग, कामकाज ठप हो गए थे. वहीं खेती का काम बिना रूके जारी था. समस्यों के बाद भी फसलों की बुवाई और कटाई में कोई फर्क नहीं पड़ा. मौजूदा समय में कृषि का कार्य बेहतर हो रहा है. सरकार किसानों की फसलों को अच्छा बाजार दे, ताकि आर्थिक रूप से किसान मजबूत हो सके.



मौजूदा सरकार ने भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ग्रामीण विकास की नींव मजबूत कर दी है. सरकार की नई योजनाएं और पैकेज गांवों और किसानों के लिए मददगार साबित होगी और वह देश के निर्माण में मजबूती के साथ खड़े होंगे.

आज गांवों में शौचालय, स्वच्छता, धुआं मुक्त रसोई पहले की तुलना में बेहतर हुई है. अब गांव बुनियादी समस्याओं से मुक्त होकर भविष्य की चुनौतियों से लड़ने के लिए अधिक तैयार हो चुका है. गांव भारत के भविष्य का अहम हिस्सा है, जिसके लिए कार्य होते रहने चाहिए.

Friday 11 September 2020

महाराष्ट्र सरकार से एक बेबाक लड़की बर्दाश्त नहीं हो रही

 


सोशल मीडिया हो या न्यूज चैनल हर जगह कंगना चर्चा में हैं. कहीं सपोर्ट तो कहीं कंगना को लताड़ मिल रही. पुतले जलाने से लेकर तस्वीर पर चप्पल मारना. लोगों की गलियां और दादागिरी सब का सामना कर रही हैं, बॉलीवुड से सपोर्ट न मिलने पर भी वह डटी हुई हैं.

कंगना से हमेशा सहमत नहीं होती हूं. क्योंकि उनका बड़बोलापन दिमाग की दही कर देता है. लेकिन उनकी हिम्मत और साहस को मेरा सलाम है. महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ बोलना आसान नहीं. सबके बस की बात नहीं होती. किसी के गढ़ में जाकर डटे रहना.

सुशांत की मौत के बाद से ही कंगना ने खुलकर बॉलीवु की धज्जियां उड़ाई हैं. किसी को पब्लिसिटी स्टंट तो किसी ने राजनीति से जुड़ने की बात की. पर यहां कंगना के साथ कोई नहीं दिखा. महाराष्ट्र सरकार को भी कंगना की बेबाकी रास नहीं आई. और कंगना के पीछे नहा-धोकर पड़ गए.

सत्ता के नशे में चूर संजय राउत ने कंगना को हरामखोर तक कह डाला. उन्हें मुंबई न आने की धमकी तक दे डाली. मन नहीं भरा तो उनका ऑफिस गिरा दिया. 30 सिंतबर तक का इंतजार नहीं हुआ. वह अपना कर्म किए जा रही हैं, जिसे जो करना है कर लो. महाराष्ट्र सरकार से एक बेबाक लड़की नहीं बर्दाश्त हो रही है. सब इतने नाजुक हैं कि एक लड़की को हराने के लिए एकजुट है.

फेमिनिज्म का डंका बजाने वाले लोग कंगना को कई तमगों से नवाज रहे हैं. कंगना को कोसा जा रहा है. उन्हें घटिया, बाइपोलर, चुड़ैल, हरामखोर कहने से भी कतरा नहीं रहे. रिया को इंसाफ दिलाने के लिए कैंपेन चलाए जा रहे हैं. रिया के सपोर्टर को लगता है कि टॉर्चर किया जा रहा है. लेकिन कंगना के लिए इनके मुंह से चू भी नहीं निकली.

चाहे वह कंगना हो या रिया, चरित्रहनन किसी का भी हो गलत है. एक महिला को सपोर्ट करने वाले लोग दूसरी महिला को गरियाने से नहीं चूकते. लोग दोहरी मानसिकता में जी रहे हैं. इनका यही दोगलापन महिलाओं के लिए घातक है.

Tuesday 14 July 2020

एक सवाल --कब होगी सुशांत की डेथ मिस्ट्री की सीबीआई जांच?????


आज सुशांत को गए 1 महीना हो गया. लेकिन सिचुएशन वहीं की वहीं है. सुशांत की मौत की सीबीआई जांच के लिए एक पत्ता भी नहीं खरका. राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. ना ही किसी बॉलीवुड के बड़े एक्टर ने इसके लिए कुछ बोला कि सुशांत की डेथ की मिस्ट्री सुलझे. कुछ गिने -चुने कलाकारों ने आवाज उठाई,जिनकी किसी ने नहीं सुनी..
अब तक तो कई अहम सबूत भी सुशांत की तरह पंच तत्व में विलीन हो चुके होंगे. आने वाले दिनों में बचे हुए सबूत भी शायद ठिकाने लग चुके होंगे. तब शायद सत्ता पर काबिज लोग सीबीआई जांच के लिए मन बनाएं या हो सकता है ना भी बनाए कुछ भी हो सकता है इस देश में क्योंकि यहां तो प्रजा तंत्र  है.
कुछ समय बाद सुशांत के बर्थडे और डेथ एनीवर्सरी पर ही लोग स्टोरी बनाएंगे या शायद वेब सीरीज या फिल्म बनाए , जिसमें एक डेथ लोगों के लिए सुसाइड या मर्डर मिस्ट्री बनकर रह जाएं लेकिन कुछ लोग अभी भी उम्मीद नहीं हारे हैं वह सुशांत के केस की सीबीआई जांच कराने के लिए जीजान से लगे हुए हैं. 
सुशांत की मौत सभी के लिए एक रहस्य बन गई है. कुछ के लिए सुसाइड तो कुछ के लिए मर्डर है. 14 जून की वो मनहूस दोपहरी ने सभी को चौंका दिया, चैनलों पर धड़ाधड़ ब्रेकिंग चलने लगी किसी को भी यकीन करना मुश्किल था कि सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड कर लिया, जिनमें  से मैं भी एक थी यकीन करना मुश्किल था कि सुशांत जैसा जिंदादिल इंसान ऐसा कर सकता है पर सच था कुछ घंटों बाद सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी वायरल हुईं जो सुशांत की थी मरने के बाद  देखने से लग ही नहीं रहा था कि सुशांत ने फांसी लगा कर सुसाइड किया है. क्योंकि मीडिया फिल्ड में होने के कारण मैंने कई ऐसे वीडियो और रॉ तस्वीरें देखीं हैं, जिनमें फांसी लगाने के बाद चेहरे की दुर्दुशा हो जाती है, लेकिन सुशांत के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ. दिन बीतते गए कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सुशांत के सुसाइड को मर्डर बताया. कई बड़ी हस्तियों के शामिल होने की बाते कही गईं. नेपोटिज्म को भी हथियार बनाया गया. कई नामी वकीलों ने भी सुशांत के मौत को मर्डर बताया. लोग डेली सीबीआई जांंच की मांग करते हैं. कई तरह की चीजें बताई दिखाई जाती हैं मुंबई पुलिस के मुताबिक ये एक सुसाइड है. भले ही कुछ भी हो लोग आज भी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. 
सुशांत के जाने के बाद कई तरह की कहानियां चल रही हैं, जिनमें से एक डिप्रेशन है. ये एक बड़ी समस्या है. लेकिन समस्या से किसी के गुनाह पर पर्दा नहीं पड़ सकता है. 
एक महीना हो गया लेकिन अभी भी सुशांत को न्याय नहीं मिला...

हर जगह है विराट का बोलबाला, बतौर कप्तान दिलाई इतने टेस्ट मैचों में जीत




क्रिकेट हो या एंटरटेनमेंट  की दुनिया भारतीय  क्रिकेट टीम के कैप्टन विराट कोहली जान माना और हर दिल अजीज हैं. क्रिकेट के मैदान में रन मशीन विराट ने कई रिकॉर्ड को धराशायी किया वहीं कई रिकॉर्ड बनाए, जिन्हें तोड़ने की कोशिश जारी है. 
विराट ने अपने करियर की शुरूआत से लेकर अभी तक उनका ग्राफ लगातार बढ़ता ही रहा है. चाहे वो एक खिलाड़ी की तरह हो या कप्तान के तौर पर.  
विराट ने अपनी कप्तानी में कई क्रीर्तिमान कायम किए हैं. टेस्ट हो, या हो वनडे या फिर टी20 हर जगह बस विराट का ही बोलबाला  है. 
रिकॉर्ड्स की बारिश तो विराट के बाएं हाथ का खेल है. कई भारतीय खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर टेस्ट मैच जीते, लेकिन विराट ने अबतक 86 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 33 टेस्ट मैचों में बतौर कप्तान जीत हासिल की है. विराट ने एक कप्तान  के तौर पर सबसे ज्यादा मैच जीतें हैं.
विराट ने अबतक टेस्ट मैच में 7,240 रन बनाए हैं. विराट ऐसे ही अपने फैंस के दिलों पर राज करते रहेंगें और रिकॉर्ड्स बनाते रहेंगें.

Sunday 7 June 2020

दम तोड़ती इंसानियत... गर्भवती हथिनी के बाद गाय के मुंह को उड़ाया

हम 21 वीं सदी के लोग हैं, हम मंगल पर पहुंचने वाले सबसे पहला देश हैं, लेकिन हम बेजुबान जानवरों को बेदर्दी से मारते हैं, क्योंकि ये कुछ लोगों के टाइमपास या यूं कहें कि हमें मजा आता है. जानवरों के साथ क्रूरता करने वालों के लिए कानून तो देश में हैं, लेकिन जानवरों को दर्द देने वालों को कितनी सजा मिलती है वो तो जगजाहिर.

सोशल मीडिया पर न जाने कितने ही जानवरों से हिंसा के वीडियो होंगें. कई स्वंयसेवी संस्थाओं और लोगों ने शिकायतें भी की होंगी. लेकिन ये सिलसिला बद्सतूर जारी है. देश में कानून की धज्जियां उड़ाना तो आम बात है.

हाल ही में केरल में गर्भवती हथिनी के साथ हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. ये वही केरल है जहां इस देश के सबसे पढ़े-लिखे लोग हैं.


इन पढ़े-लिखे लोगों ने हथिनी को एक फल के अंदर विस्फोटक खिला दिया और वह उसके मुंह में ही फट गया. वह कई दिनों तक नदी में खड़ी रही और आखिर में उसे दर्द से छुटकारा मिल गया.

आपको बता दें कि मामले के तूल पकड़ने की वजह से केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने इसका संज्ञान लिया है. पिनाराई विजयन ने कहा है कि हमारी नजर तीन संदिग्‍धों पर टिकी हुई है. सीएम ने एक ट्वीट करके कहा, 'तीन संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक जांच जारी है. पुलिस और वन विभाग संयुक्त रूप से घटना की जांच करेंगे. इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है.


इन सब के बावजूद भी जानवरों के साथ होने वाली हिंसा नहीं थम नहीं रही और इंसानियत तार-तार हो रही है. कानून के बाद भी लोग खुलेआम जानवरों के साथ बर्बरता कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर एक बार फिर एक गाय का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके मुंह को विस्फोटक से उड़ा दिया गया है. वह बुरी तरह घायल है. खबरों के अनुसार ये घटना हिमाचल की है.

मेरी लोगों से अपील है. आस पास जानवरों के साथ ऐसा करने वालों को रोकें और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलवाएं. मेरी सरकार से अपील है कि इन कुकृत्यों पर लगाम लगाने के लिए सख्त सजा का प्रावधान करें ताकि लोग ऐसा करने से पहले एक बार तो सोचें....

 


Saturday 23 May 2020

प्रवासी मजदूरों की मदद करनी है ना तो सोनू सूद से सीखो...


कोरोना के संकटकाल में भी पक्ष-विपक्ष की सियासत ऐसे सुलग रही है मानो आने वाले दिनों में देश में आग लगनी लाजमी है. इस मौसम में आग लगाने की जरूरत क्या है गर्मी ही काफी है भाई. प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के मुद्दे पर जमकर सियासी दांव-पेंच खेले जा रहे हैं. पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाल रहे हैं.

अगर वह इन मजदूरों की मदद कर भी रहे हैं तो सिर्फ अपने फायदे के लिए, लेकिन वो कहते हैं ना जहां चाह वहां राह. लेकिन यह राह शायद राजनीति के दलदल में डूबती जा रही है.

वहीं इन सब से हटकर फिल्म इंड्स्ट्री के रील विलेन सोनू सूद ने अपने काम और मदद के जज्बे से प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहें. अगर किसी भी मजदूर को अपने घर वापस जाना होता है तो वह सरकार से नहीं बल्कि सोनू सूद से कहता है कि घर जाना है.

 सोनू भी होने घर पहुंचाने से लेकर खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं. मजदूर ट्विटर के जरिए अपनी बात रख रहे हैं. सोनू सूद सर प्लीज़ हेल्प. ईस्ट यूपी में कहीं भी भेज दो सर. वहां से पैदल अपने गांव चले जाएंगे.' सोनू-'पैदल क्यों जाओगे दोस्त? नबंर भेजो.' ये तो एक ट्वीट है इन दिनों सोनू के पास ऐसे कई मैसेज आए हैं.

सबसे पहले सोनू ने कर्नाटक के कई मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम कराया था. सोनू सूद से मजदूरों का दुख देखा नहीं गया और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति लेकर प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कई बसों का इंतजाम करवाया.

बसों के इंतजाम के अलावा सोनू ने पंजाब के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 1,500 पीपीई किट भी दान की. उन्होंने मुंबई का अपना होटल स्वास्थ्यकर्मियों को रहने के लिए भी दिया है.

सोनू सूद रमज़ान के महीने में भिवंडी इलाके में हजारों गरीबों और प्रवासी मजदूरों को खाना भी खिला रहे हैं.

सोनू के काम की हरतरफ तारीफ हो रही है. सोशल मीडिया पर सोनू छाए हुए हैं.

 

लॉकडाउन 1 से ही ट्रेन और बस सेवा रोक दी गई थी. लॉकडाउन बढ़ाने के बाद से ही मजदूरों ने पैदल ही अपने घर की डगर पकड़ कुछ घर पहुंचें कुछ ने रास्ते में ही दम तोड़ा. लेकिन सड़क पर भीड़ कम नहीं हुई अब सरकार ने मजदूरों के लिए बसें और ट्रेनें चलवा दी है.

सोनू सूद के मदद का सिलसिला तो जारी है. इस संकट की घड़ी में पार्टियां अगर सियासी रोटियां सेंकना छोड़ कर लोगों की मदद करने की कोशिश करें तो फर्जी नाटक करने की जरूरत नहीं, क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती, ये पब्लिक है.


Wednesday 29 April 2020

एक फैन का इरफान खान को ट्रिब्यूट



रमजान के पाक महीने में इरफान ने इस दुनिया से अलविदा कह गए. ये मेरे लिए किसी तगड़े झटके से कम नहीं है. कभी सोचा न था कि इरफान खान इस तरह साथ छोड़ जाएंगे. भले ही मैं उनसे कभी मिली नहीं लेकिन मुझे पता है वह जितने बढ़िया एक्टर हैं उतने ही अच्छे इंसान भी. मैं उनके लिए था का इस्तेमाल नहीं करेंगी क्योंकि वो हमारे बीच अपनी फिल्मों के जरिए जिंदा हैं.
बचपन से मैंने एक लिस्ट बनाई जिसमें उन लोगों के नाम हैं जिनसे मैं अपनी जिंदगी में किसी भी कीमत में मिलना चाहती हूं. जिनमें इरफान का नाम भी है.
इरफान की ऐसी कोई फिल्म नहीं होगी जो मैंने देखी नहीं होगी. उनकी एक्टिंग और कॉमित टाइमिंग की मैं कायल इरफान की कोई भी फिल्म टीवी पर आ रही हो उसे देखती जरूर हूं. भले ही वह फिल्म मैंने कई बार देख रखी हो. हर बार उनकी फिल्म में कुछ नया ही देखने को मिलता है.
वैसे तो इरफान की हर फिल्म में शानदार एक्टिंग होती है, लेकिन पान सिंह तोमर फिल्म देखने के बाद मैं तो इरफान की जबरा फैन बन गई. ये मेरी इरफान के लिए फीलिंग है. उनके जाने का दुख हम सभी को है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि इरफान की फैमिली को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दें.


Tuesday 31 March 2020

जोगीरा सारा रारा... थोड़ा लेट हो गया


जोगीरा सारा रारा... थोड़ा लेट हो गया. कुछ दिन पहले ही हम सब ने होली मनाई है. कोरोना वायरस के कारण कई तरह के लोगों ने होली खेलने से बचने की हिदायत दी. वहीं काफी सारे फेमस लोगों ने होली से दूरी बनाई. वहीं आम जन मानस होली के रंगों में मस्त होकर जमकर होली खेली. होली से दो दिन पहले आम से लेकर खास लोगों ने सोशल मीडिया से लेकर आस-पास की महिलाओं के साथ विश्व महिला दिवस मनाया. महिलाओं की प्रशंसा की या यूं कहें तारीफों के पुल बांधें गए.
लेकिन ये लोग जो महिला उत्थान में अपनी सोशल मीडिया की दीवार रंग रहे थे. क्या ये ऐसे ही हैं, हम सबके बारे में कुछ नहीं कहते या हम किसी के बारे में नहीं कहते. हम आपको बस वो बता रहे है जो समाज में होता है चलता है.
समाज में त्योहार को मनाने का तरीका हमारा कल्चर दिखाता है और उसमें बजने वाले गाने हमारे समाज के दिल का आईना से होते हैं. आप भी हमारी इस बात से सहमत तो होंगे ही, याद कीजिए रक्षाबंधन का गाना 'इसे समझो ना रेशम का तार भैया मेरी रखी का मतलब है प्यार भैया'.
अब मैं आपको होली के कुछ फेमस गाने बताऊंगी जो आज से नहीं बहुत पहले से सार्वजानिक रूप से होली पर गाए और बजाए जा रहे हैं और आज का यूथ भी खूब एंजॉय करता है.
गाने मैं बता रही हूं और मतलब आप सब निकाल लीजिए. मैं बात कर रही हूं अंग से अंग लगाना, रंग बरसे भीगे चुनर वाली... जैसे गाने और भोजपुरी के होली गीतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. अब समझ तो गए ही होंगे आप मैं क्या कहना चाह रही.
वहीं होली के हुड़दंग में महिलाओं के साथ होनी वाली छेड़खानी ने भी यौन शोषण का रूप ले लिया है. जबरदस्ती रंग लगाना, रंग लगाने के बहाने महिलाओं को छूना नॉर्मल हो गया है. बाकी कसर इन डबल मीनिंग गानों ने पूरी कर दी है.
मैं त्यौहार या गानों के खिलाफ नहीं हूं ब्लकि मेरे घर में भी यही गानें बजते है और मैंने भी कई बार इन्हीं गानों पर डांस किया है. लेकिन सोचना तो होगा हमें, सोशल मीडिया की दीवार रंगने से महिला दिवस पूरा होगा क्या? क्योंकि इन गानों के बिना होली तो पूरी नहीं होती.
बात वही है हर साल होली आती है लोग रंग लगाते हैं. गाने होते हैं, वहीं हर साल देश और होली में महिलाओं के साथ होनी वाली अप्रिय घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं. लोगों से गुजारिश है आस-पास रहने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाए.

हाय अंग्रेजी ने आज दिल ही तोड़ दिया



अंग्रेजी ने तो आज दिल ही तोड़ दिया.. ये ना समझना रोना रो रहे हैं, एक दर्द है जो बयां कर रहें. देश में नौकरी करने के लिए अगर आप नॉट गुड इन इंग्लिश तो आपकी कोई औकात ही नहीं है. आपको बड़े ही हीन भाव से देखा जाएगा. देश में मीडियम क्लास के घरों में भले ही बच्चा इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढ़ा लिखा हो, लेकिन घरों में इंग्लिश सिर्फ आइज, नोज, व्हॉट इज योर फादर नेम, वॉटर, काउ, डॉग ही तक सीमित है, क्योंकि 90S किड्स के पैरेंट्स ज्यादातर सरकारी स्कूल या नॉर्मल प्राइवेट स्कूल से ही पढ़े- लिखे होते हैं, लेकिन बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनकी पढ़ाई इंग्लिश मीडियम स्कूल से करवाते हैं. 

स्कूल में तो अच्छी खासी बच्चों की इंग्लिश में पॉलिश हो जाती है. घर पर वही डॉग कैट से बड़ी हुई तो ट्यूटर के साथ ही इंग्लिश में बातें होती हैं. लेकिन इनका भी ज्यादा टाइम हिंदी बोलने में ही जाता है. कुछ तो इंग्लिश की जंग को जीत जाते हैं कुछ फर्राटेदार इंग्लिश बोलने से पिछड़ जाते हैं, तो ये अंग्रेजी शनि की तरह घर कर जाती है. 
पेश से मैं हिंदी कंटेंट राइटर, अस्सिटेंट प्रोड्यूसर हूं तीन महीने से बेरोजगार हूं. थोड़ी बहुत फ्रीलांस से काम चल रहा है. कहीं भी जॉब ढूंढों वहां ज्यादार वैकेंसी इंग्लिश कंटेंट राइटर के लिए होती, कुछ वैकेंसी मिल भी गई तो इंटरव्यू इंग्लिश में, टेस्ट इंग्लिश में बाकी चीजें ठीक तो उम्मीद रहेगी वरना तेल लेने जाओ.

कुछ महीनों में मैंने देखा है हिंदी कंटेट राइटर की कोई वैल्यू ही नहीं ना पोजीशन में ना ही सैलरी.
हिंदी लिखने के लिए भी अंग्रेजी में इंटरव्यू क्यों भाई दिक्कत क्या है, जीने नहीं दोगे क्या. ऐसे ही कई लोग होंगे जो अंग्रेजी अच्छे से समझते है, लिख लेते हैं, लेकिन बोलने में उनकी हिम्मत जवाब दे जाती है या बोल भी लेते हैं तो फर्राटेदार ना होने पर अच्छी खासी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. 

ऐसा आज मेरे साथ हुआ जॉब हिंदी कंटेंट राइटर की थी लेकिन इंटरव्यू फुल अंग्रेजी में था. मैं फर्राटेदार तो नहीं लेकिन एक्सीलेंट अंग्रेजी लिख और समझ लेती हूं और बोलने में नॉट फर्राटेदार पर गुड अंग्रेजी बोल लेती हूं. सारी चीजें डिस्कस होने के बाद मैडम ने कहा शिखा आई थिंक यू आर नॉट एक्सीलेंट इन इंग्लिश. आई कॉल यू लेटर ओके, थैंक्यू.

तीन साल 4 महीने के एक्सपीरियंस में तो मैं समझ गई हूं .. आई कॉल यू लेटर का मतलब... बस अब यही है अंग्रेजी... दिल टूट गया. स्कूल में सबसे ज्यादा नंबर इसी सब्जेक्ट में आते थे. आज लगता है सब बेईमानी है. मेरा टीचर जरूर सस्ता नाश करता होगा. तभी नंबर अच्छे देता था.



Friday 27 March 2020

शिखांजलि


मैं कुछ तुझ जैसी,
तू कुछ मुझ जैसी,
तुझे देख कर मुझे लगा,
तेरा मुझसे है नाता पुराना,
पहले तू कुछ रूकी,
मैं कुछ ठिठकी...
जब एक मोड़ के मुसाफिर हुए,
तो हुईं बातें सबकी..
समय बीता हम हो गए
 दांत काटी रोटी जैसे,
तू कुछ सोचे मैं कह दूं,
मैं बोलूं तू पूरी बात समझ ले..
सबको लगता हमें देखकर
हम हैं बहनें या तो पुरानी सहेली..
पर जब बातें होती मुस्कुरा देते दोनों
और कहते अभी कुछ दिन पहले थे अजनबी
अब बंध गए हैं अनोखे से रिश्ते में
मैं कुछ तुझ जैसी, तू कुछ मुझ जैसी..--- शिखा राजपूत

Thursday 26 March 2020

देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित लोग, जानिए कितनी पहुंची मरीजों की संख्या


भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 562 तक पहुंच गई है, जिसमें मंगलवार को उत्तर-पश्चिम से पहला मामला सामने आया है. देश के विभिन्न हिस्सों से एक दिन में 40 से अधिक ताजा मामले सामने आए हॆ. जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मणिपुर से नए मामले सामने आए हैं.
भारत में मौजूद समय में COVID-19 के 512 सक्रिय मामले हैं. स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 40 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. आज मदुरै में 54 साल के व्यक्ति की मृत्यु हो गई, देश में मौत का आकंड़ा दस तक पहुंच गया है.
केरल देश का सबसे प्रभावित राज्य है, जहां 109 कोरोना के मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या भी 100 का आंकड़ा पार कर गई है. स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र में 101 कोरोना वायरस के केस दर्ज किए गए हैं.
पिछले कुछ दिनों में कर्नाटक में COVID-19 मामलों में वृद्धि हुई है, जिससे राज्य में कुल मरीज 46 हो गए हैं. तेलंगाना में मामलों की संख्या 35 हो गई है, जिसमें 10 विदेशी भी शामिल हैं.
पिछले दो दिनों में पांच और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश में कुल संख्या COVID-19 सकारात्मक मामले बढ़कर 35 हो गए, जिनमें एक विदेशी नागरिक भी शामिल है. गुजरात में 33 और दिल्ली में 30 मरीज हैं.
जम्मू और कश्मीर में कोरोना वायरस के सात मरीज हैं, वहीं लद्दाख में 13 COVID-19 सकारात्मक मामले हैं. मंगलवार को मिजोरस और मणिपुर से नए मामले सामने आए हैं.
पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश, प्रत्येक से नौ मरीज हैं. हिमाचल प्रदेश, बिहार, प्रत्येक से तीन केस सामने आए हैं, वहीं उड़ीसा से भी दो केस सामने आए हैं. पुडुचेरी, मणिपुर और छत्तीसगढ़, प्रत्येक से एक केस दर्ज किया गया है.

जैसे ही कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 500 से अधिक हो गई, प्रधान नरेंद्र मोदी ने मंगलवार आधी रात से 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी. केवल किराने की दुकानें, बैंकों,  एटीएम और दवा दुकानों जैसी आवश्यक सेवाएं लोगों के लिए कार्य करेंगी.
सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. भारतीय रेलवे ने कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर सभी यात्री ट्रेनों को 14 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि देश भर में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने के लिए फ्रेट आंदोलन चालू रहेगा.
गृहमंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जो भी लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे दो साल की सजा और जुर्माना होगा.
सोर्स--- https://www.livemint.com/news/india/coronavirus-update-number-total-cases-surges-to-562-here-s-state-wise-tally-11585112828799.html
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