Wednesday 26 June 2019

फिर मना लीजिए अफसोस, शरणार्थी पिता-पुत्री की नदी के किनारे मिली है लाश



हाल ही में विश्व शरणार्थी दिवस को पूरी दुनिया ने सेलिब्रेट किया है. 
शरणार्थियों को सुरक्षा और अपनेपन का भरोसा दिलाने के हर कारगर प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन एक बार फिर शरणार्थियों के साथ होने वाले गलत व्यवहार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. 

ऐसा ही कुछ चार साल पहले भी हुआ था, जब तीन साल के सीरियाई बच्चे एलन कुर्दी के शव को देखकर पूरी दुनिया ने अफसोस जताया था. मामला कुछ-कुछ वैसा ही बस जगह बदल गई है. 

लोगों को एक बार फिर अफसोस जाहिर करने का मौका मिल गया है. दक्षिणी अमेरिका और उत्तरी मैक्सिको में बहने वाली नदी रियो ग्रैंड के किनारे मैक्सिको के ऑस्कर अल्बर्टो मार्टिनेज रैमिरेज (25) और उनकी 23 महीने की बेटी वलेरिया का शव नदी के किनारे मिला है. खबरों के अनुसार, रविवार के दिन बाप अपनी बेटी को पीठ पर लाद नदी तैरकर पार कर रहा था, लेकिन दोनों डूब गए, उनका शव रियो ग्रैंड नदी के किनारे औंधे मुंह पड़ा हुआ मिला. 


यह तस्‍वीर फोटो जर्नलिस्‍ट जूलिया ली डक ने ली है.अमेरिका की डोनाल्‍ड ट्रंप सरकार ने सीमा को लेकर नीतियों को बहुत अधिक सख्त कर दिया है. लिहाजा, बेहतर जिंदगी की तलाश में शरणार्थी सीमा पार करने के लिए और खतरनाक रास्ते तलाशने के लिए मजबूर हैं.

वैसे भी कहा जाता है कि एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर होती है. तस्वीर देखकर किसी की आंखों में आंसू आना लाजमी है. 23 महीने की बेटी का सिर बाप की टी-शर्ट में है. उसका एक हाथ पिता की गर्दन के पास है. 

शायद बाप को डर होगा कि उसकी बेटी कहीं पानी के बहाव में बह ना जाए. बाप कुछ भी करके अपनी बेटी को खोना नहीं चाहता, परिस्थितियों ने साथ तो दिया लेकिन जीने का नहीं साथ मरने का. 

वैसे भी कहा जाता है कि एक तस्वीर हजारों शब्दों के बराबर होती है. लेकिन ये तस्वीर कई पन्ने भरने के बाद भी अधूरी रह जाएगी, ना जाने कितनी ख्वाहिशें, दर्द, प्यार सब बह गया और रह गया बस नदी के किनारे औंधी दो लाशें.

No comments:

Post a Comment

लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत कहानी है बड़ा मंगल

  कलयुग के आखिरी दिन तक श्री राम का जाप करते हुए बजरंगबली इसी धरती पर मौजूद रहेंगे। ऐसा हमारे ग्रंथों और पौराणिक कहानियों में लिखा है। लखनऊ ...